सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो | Saari srshti ke maalik tumhi ho (Lyrics)

 सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो 

Saari srshti ke maalik tumhi ho (Lyrics) 


सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो | Saari srshti ke maalik tumhi ho (Lyrics)




Lyrics In Hindi 

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सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो

सारी सृष्टि के रक्षक तुम्हीं हो

करते हैं तुझको सादर प्रणाम

गाते हैं तेरे ही गुणगान


हा-हा-हाहालेलुयाह-4


 

सारी सृष्टि को तेरा सहारा

सारे संकट से हमको बचाना

तेरे हाथों में जीवन हमारा है

अपनी राहों पर हमको चलाना

हा-हा-हा...

 

हम हैं तेरे हाथों की रचना

हम पर रहे तेरी करुणा

तन, मन, धन हमारा तेरा है

इन्हें शैतां को छूने देना

हा-हा-हा...

 

अब दूर नहीं है किनारा

धीरज को हमारे बढ़ाना

जीवन की हमारी इस नैया को

भवसागर में खोने देना

हा-हा-हा...



Lyrics In English 

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Saari srshti ke maalik tumhi ho

Saari srshti ke rakshak tumhi ho

Karte hain tujhko saadar pranaam

Gaate hain tere hi gun gaan


ha... ha... ha... haaleluyyaah -4 


 

Saari srshti ko tera sahaara

Saare sankat se hamako bachaana

Tere haathon mein jivan hamaara hai

Apni raahon par humako chalaana


ha... ha... ha... haaleluyyaah -4  


Ham hai tere haathon ki rachana

Ham par rahe teri karuna

Tan, man, dhan hamaara tera hai

Inhen shaitaan ko chhune na dena


ha... ha... ha... haaleluyyaah -4 

 

Ab dur nahin hai kinaara

Dhiraj ko hamaare badhaana

Jivan ki hamaari is naiyya ko

Bhav saagar mein khone na dena


ha... ha... ha... haaleluyyaah -4 





🌿 सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो – एक आराधना का गीत जो आत्मा को छू जाए 🎵

हर आत्मा को कभी न कभी ऐसे गीत की आवश्यकता होती है जो उसे संसार की उलझनों से निकालकर प्रभु की शांति में ले जाए। ऐसा ही एक गीत है "सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो", जो न केवल आराधना का माध्यम बनता है, बल्कि मन को गहराई तक छू जाता है।

 गीत का सार:

इस गीत में ईश्वर को सम्पूर्ण सृष्टि का मालिक और रक्षक माना गया है। यह गीत विनम्रता और समर्पण की भावना से भरपूर है। जब गायक गाते हैं – "करते हैं तुझको सादर प्रणाम, गाते हैं तेरे ही गुणगान" – तब एक साधक की आत्मा प्रभु के चरणों में झुकती है।

🎶 हालेलुयाह – एक बार नहीं, बार-बार!

हर अंतरे के बाद "हा-हा-हा – हालेलुयाह" की पुनरावृत्ति, आराधना की एक लहर सी पैदा करती है जो श्रोता को प्रभु की उपस्थिति का अनुभव कराती है। यह केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि परमेश्वर की महिमा का उद्घोष है।

🌊 हर परिस्थिति में आशा की बात:

गीत की ये पंक्तियाँ:

"अब दूर नहीं है किनारा
धीरज को हमारे बढ़ाना
जीवन की हमारी इस नैया को
भवसागर में खोने न देना"

एक आत्मीय प्रार्थना है जो जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी आशा और धैर्य के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

🙏 एक सम्पूर्ण आत्मसमर्पण:

गीत यह भी सिखाता है कि जब हम कहते हैं –
"तन, मन, धन हमारा तेरा है
इन्हें शैतान को छूने न देना"
 
तो यह केवल शब्द नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति पूर्ण आत्मसमर्पण की घोषणा है।


📌 निष्कर्ष:

"सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो" केवल एक गीत नहीं, बल्कि आराधना, आत्मिक गहराई और विश्वास की एक यात्रा है। इसे गाते समय ऐसा लगता है मानो सृष्टिकर्ता स्वयं हमारे समीप आ खड़े हुए हैं।

आप भी इस गीत को अपने प्रार्थना सत्रों में शामिल करें और अनुभव करें कि कैसे यह प्रभु की उपस्थिति को जीवंत कर देता है।





 

MAY GOD BLESS YOU AND YOUR FAMILY 

STAY TUNED STAY BLESSED 



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