अब्दुल्ला हाशिम कौन है? क्या वह एंटीक्राइस्ट है या कोई और? इस पूरे रहस्य से उठाया गया पर्दा | "Who is Abdullah Hashim? Is he the Antichrist or someone else?"

अब्दुल्ला हाशिम कौन है? क्या वह एंटीक्राइस्ट है या कोई और? 

इस पूरे रहस्य से उठाया गया पर्दा

 "Who is Abdullah Hashim? Is he the Antichrist or someone else?" 

अब्दुल्ला हाशिम कौन है? क्या वह एंटीक्राइस्ट है या कोई और? इस पूरे रहस्य से उठाया गया पर्दा | "Who is Abdullah Hashim? Is he the Antichrist or someone else?"










"मैं एंटीक्राइस्ट नहीं हूँ!"
सोचिए कोई शख्स जब कैमरे के सामने आकर ये कहता है तो क्या आप सहज रह सकते हैं?

ये शब्द हाल ही में चर्चा का विषय बने एक विवादित व्यक्ति अब्दुल्ला हाशिम के हैं — जिसे लोग ऑनलाइन एंटीक्राइस्ट तक कहने लगे हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये नहीं कि उसने खुद को निर्दोष बताया, बल्कि यह है कि उसी वीडियो में उसने किसी और को The Antichristघोषित कर दिया।




🔍 यह कहानी क्यों महत्वपूर्ण है?

क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति या धर्म तक सीमित नहीं है। यह उस वैश्विक एजेंडे को सामने लाती है जिसमें एक नया विश्व धर्म, एक नया मसीहा और एक नया राजनीतिक/धार्मिक नेतृत्व स्थापित करने की कोशिश हो रही है। और यदि आप इस ड्रामे को सतही तौर पर देखते हैं, तो शायद आप उस बड़े खेल को न देख पाएं जो पर्दे के पीछे खेला जा रहा है।


🧑‍⚖️ अब्दुल्ला हाशिम: एक व्यक्ति या एक एजेंडा?

अब्दुल्ला हाशिम, जिसे कुछ लोग "अबा अल-सदीक" यानी "सच्चों का पिता" भी कहते हैं, हाल ही में अपने विवादास्पद धार्मिक बयानों के कारण सुर्खियों में है। वो खुद को मोहम्मद का उत्तराधिकारी, यीशु का उत्तराधिकारी और पोप तक घोषित कर चुका है। यानी एक ऐसा व्यक्ति जो इस्लाम, ईसाई धर्म और यहां तक कि यहूदी धर्म — तीनों में खुद को सेंटर स्टेज पर देखना चाहता है।

📜 उसका अजीबो-गरीब दावा

वो कहता है कि मोहम्मद, साइमन पीटर के उत्तराधिकारी थे। यानी एक ऐसा लिंक बना रहा है जो बाइबिल और क़ुरान दोनों की मुख्य शिक्षाओं को तोड़-मरोड़ देता है।


📢 "मैं एंटीक्राइस्ट नहीं हूँ"

इस वीडियो का सबसे अहम मोमेंट था जब उसने बड़ी गंभीरता से कहा:

“मैं एंटीक्राइस्ट नहीं हूँ और न ही खुद को मसीहा मानता हूँ। अब तक केवल एक ही मसीहा आए हैं — मरियम के पुत्र यीशु।”

लेकिन विरोधाभास देखिए — वो यीशु को मसीहा और ईश्वर कहता है, फिर भी मोहम्मद को उसका उत्तराधिकारी बताता है। ये एकदम वैसा है जैसे आप चाय में नमक डाल रहे हों और उम्मीद कर रहे हों कि स्वाद अच्छा आएगा।


🇺🇸 The Real Antichrist? अमेरिका?

अब्दुल्ला का असली दावा यहीं से शुरू होता है। उसके अनुसार एंटीक्राइस्ट कोई एक इंसान नहीं, बल्कि एक संपूर्ण राष्ट्र है — और वह राष्ट्र है संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

📌 उसका तर्क क्या है?

  1. मसोनिक प्रतीक — एक आंख वाले चिन्ह, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, फ्रीमेसनरी का उद्गम।

  2. ईश्वर के विरुद्ध शासन प्रणाली — लोकतंत्र को एक "शैतानी संरचना" बताना।

  3. मीडिया और संस्कृति — अमेरिका को "धर्म विरोधी", "मूर्तिपूजक" और "अनैतिकता का केंद्र" कहना।

  4. बाइबिल संदर्भ — बड़े लोहे के दांत वाला पशु (प्रकाशित वाक्य 13) जिससे पूरी पृथ्वी कांपती है।


📖 बाइबिल क्या कहती है?

यह सच है कि बाइबिल में एक विशाल पशु का वर्णन है जो राष्ट्रों को रौंदता है (प्रकाशित वाक्य 13:1-2), और अमेरिका उस विवरण में काफी हद तक फिट बैठता है। लेकिन बाइबिल केवल एक राष्ट्र की बात नहीं करती। वो एक दूसरे पशु की भी बात करती है:

"फिर मैंने एक और पशु को धरती से निकलते हुए देखा; उसके दो सींग थे जैसे मेम्ने के, और वह ड्रैगन की तरह बोलता था।" — प्रकाशितवाक्य 13:11

यहां हमें एक व्यक्ति की ओर इशारा मिलता है — एक असली एंटीक्राइस्ट जो खुद को परमेश्वर कहकर मंदिर में बैठेगा (2 थिस्सलुनीकियों 2:3-4)।

✖ अब्दुल्ला का ग़लत निष्कर्ष

  • एंटीक्राइस्ट एक राष्ट्र नहीं, एक व्यक्ति है।

  • वह मंदिर में खुद को परमेश्वर घोषित करेगा।

  • वह यीशु का दुश्मन होगा, ना कि उसका अनुयायी।


🎭 असली एजेंडा क्या है?

इस पूरी स्कीम को देखें तो एक बात साफ नज़र आती है: अब्दुल्ला एक "ट्रायल बॉलून" है। एक ऐसा प्रयोग जो ये परखने के लिए छोड़ा गया है कि दुनिया कितना तैयार है एक वैश्विक धर्म, एक नया मसीहा, और एक नकली शांति दूत को स्वीकारने के लिए।

🌐 One World Religion का सपना

  • अब्दुल्ला क्रिश्चियंस और मुसलमानों को जोड़ने की बात करता है।

  • यह एजेंडा अंततः एक फेक जीसस और फेक इमाम महदी को लाने के लिए प्लेटफ़ॉर्म तैयार कर रहा है।

  • और जब वो असली झूठे मसीहा आएंगे, तब अब्दुल्ला जैसा कोई भी "कमज़ोर नक़ली" दिखाकर लोगों को यकीन दिलाया जाएगा कि "असली तो अब आया है।"


⚠️ भविष्य की तैयारी

यीशु ने कहा था:

“सावधान रहो, जागते रहो, क्योंकि तुम्हें न दिन पता है न घड़ी।”

आपको क्या करना चाहिए?

  • 📖 बाइबिल को जानिए — आधे ज्ञान से ज्यादा खतरनाक कुछ नहीं।

  • 🙏 मन फिराइए (Repent) — क्योंकि कोई नहीं जानता कि कब प्रभु आ जाए।

  • 🕊️ पवित्र आत्मा से मार्गदर्शन लीजिए — केवल वही आपको सच्चाई में बनाए रखेगा।


✅ निष्कर्ष

  • अब्दुल्ला कोई एंटीक्राइस्ट नहीं है, ना ही वो मसीहा है।

  • वह एक प्रयोग है — एक झांसा, एक झलक उस बड़े एजेंडे की जो आने वाला है।

  • अमेरिका के खिलाफ उसका तर्क आंशिक रूप से ठीक है, पर उसकी बाइबिल समझ अधूरी और भ्रामक है।

  • असली खतरा वो नहीं जो सामने दिख रहा है, बल्कि वो है जो आ रहा है — और जिसके लिए अब्दुल्ला जैसे लोग रास्ता साफ कर रहे हैं।


"खेला अब शुरू हो गया है…"

क्या आप तैयार हैं?





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