"IDF का सबसे बड़ा वार 🚨 यमन में हौथी प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री मारे गए | Sanaa पर बमबारी" | IDF's Biggest Blow To Yemen Rebels: Houthi PM, Defense Minister Killed As Jets Bombed Sanaa

"IDF का सबसे बड़ा वार 🚨 

यमन में हौथी प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री मारे गए | Sanaa पर बमबारी" 


IDF's Biggest Blow To Yemen Rebels: Houthi PM, Defense Minister Killed As Jets Bombed Sanaa




26 August की अपनी इस वीडियो में मैंने आपको बताया था कि 22 August 2025 को इज़राइल पर यमन के हूती मुस्लिम राजनीतिक समुदाय ने हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था। पिछले 3 सालों में पहली बार इस तरह का ख़तरनाक बम इस युद्ध में इस्तेमाल किया गया था, जिसके परिणाम बहुत ही ख़तरनाक होते हैं। इसके जवाब में इज़राइल ने 24 August को यमन हूतियों पर एयर स्ट्राइक की थी।




इस वीडियो में मैंने कहा था कि ये जंग अब एक बहुत बड़े युद्ध का रूप लेगी जो कि ईरान तक जाएगी और अगर एक बार ये जंग ईरान तक चली गई तो ये Gog Magog के युद्ध में बदल जाएगी, जिसकी भविष्यवाणी यहेजकेल 38 में की गई है। और इस गोग मगोग की जंग में 90% मुसलमान मारे जाएँगे। अगर आपने वो वीडियो नहीं देखी है तो आप वो वीडियो देख सकते हैं, लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा।

अभी फ़िलहाल इज़राइल से अपडेट आ रहे हैं कि इज़राइल ने 28 August 2025 को यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों की बैठक को निशाना बनाकर एयरस्ट्राइक की। इस हमले का मकसद हूती राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को खत्म करना था, क्योंकि ये सभी लोग उस समय हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती का राष्ट्रीय भाषण सुन रहे थे।

एयरस्ट्राइक में वहाँ के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी अपने सहयोगियों के साथ एक अपार्टमेंट में थे, जब उन्हें निशाना बनाया गया। इसके अलावा हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अतीफी और चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी के भी इस हमले में मारे जाने की खबरें हैं।



यमन के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी ईरान के लिए बहुत अहम शख्स थे। क्यों?


क्योंकि वो यमन के हूती विद्रोहियों के बड़े लीडर थे। हूती ग्रुप को ईरान खुलकर सपोर्ट करता है।
उनकी ताकत सिर्फ़ यमन की राजनीति तक नहीं थी, बल्कि वो ईरान के लिए पूरे इलाके (Middle East) में एक खास रोल निभाते थे। सीधा कहें तो, वो ईरान के “नुमाइंदे” थे, जो वहाँ ईरान का असर बढ़ाने और उसकी योजनाओं को आगे बढ़ाने का काम करते थे।
मतलब, यमन में रहते हुए भी उनका काम ईरान की तरफ से पूरे रीजन की सियासत को संभालना और ईरान की पकड़ मज़बूत करना था।

इनकी मौत से सीधा फ़र्क ये पड़ेगा कि अब इज़राइल के आस-पास के मुस्लिम संगठनों की POWER ढीली पड़ जाएगी और ईरान डायरेक्टली अपनी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल इज़राइल के ख़िलाफ़ करने में असमर्थ हो जाएगा। हालाँकि ईरान के पास हूती समुदाय के अलावा और भी संगठन हैं जिन्हें वो इज़राइल के ख़िलाफ़ काम में लाता है, लेकिन हूती के प्रधानमंत्री पॉलिटिकली इज़राइल पर प्रेशर बनाने में एक मज़बूत कड़ी थे।

आगे जाकर ये सब कनेक्ट होने वाला है Temple Mount के साथ। इज़राइल इस युद्ध के बाद Temple Mount का पूरा कब्ज़ा अपने हाथ में ले लेगा।


1967 के युद्ध के बाद इज़राइल ने पूर्वी यरुशलम और टेम्पल माउंट पर कब्ज़ा किया, लेकिन टेम्पल माउंट का धार्मिक प्रबंधन जॉर्डन के वक्फ़ बोर्ड के अधीन अभी भी बना हुआ है।
यह एक Critical System है जहाँ इज़राइल राजनीतिक नियंत्रण तो रखता है, लेकिन मुस्लिम पूजा स्थल के अधिकार वक्फ़ के पास हैं, जो मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करता है।

अगर इज़राइल को टेम्पल माउंट का धार्मिक अधिकार चाहिए तो उसको मुस्लिम देशों के विरोध का सामना करना पड़ेगा, जिसमें ईरान सबसे प्रमुख है। और इज़राइल के इस Civil War में ईरान को घसीटने का मुख्य मकसद यही है कि इस War को ईरान तक ले जाया जाए और टेम्पल माउंट के धार्मिक अधिकार को हासिल किया जाए। क्योंकि तभी इज़राइल टेम्पल माउंट को तोड़कर वहाँ पर अपना तीसरा मंदिर बना सकता है।

एक तरफ़ ये देखा जा रहा है कि इज़राइल इस Civil War की आड़ में टेम्पल माउंट पर अपने थर्ड Temple की धार्मिक अनुष्ठान की प्रैक्टिस करने लगा है। आए दिन वहाँ से खबरें आ रही हैं कि यहूदी Temple Mount पर जाकर पूजा कर रहे हैं, Red Heifer का बलिदान किया जा चुका है और अन्य सब।


वैसे Red Heifer वाली वीडियो में मैंने बताया था कि इज़राइल के मंदिर के निर्माण के लिए लाल बछिया का बलिदान जितना Important है, उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है Temple Mount का धार्मिक अधिकार अपने क़ब्ज़े में लेना।




तो अगर किसी दिन Temple Mount के क़ब्ज़े की खबर सुनो तो समझ लेना दुनिया के अंत की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वैसे ये लाल बछिया के बलिदान का वबाल है, पूरी डिटेल के लिये आप ये वीडियो ज़रूर से देख लेना, सब कुछ समझ में आ जाएगा।

वहीं दूसरी ओर ईरान मुस्लिम देशों को एकजुट कर रहा है और अपने परमाणु बम को जल्द से जल्द बनाने में लगा हुआ है, ताकि इज़राइल को Temple Mount पर क़ब्ज़ा करने से रोका जा सके।

देखो, इज़राइल चाहता है कि ईरान को परमाणु बम बनाने ना दिया जाए, ताकि वो ईरान को हराकर, टेम्पल माउंट तोड़कर वहाँ अपना मंदिर बना ले।

और ईरान चाहता है कि वो इस जंग को शुरू करने से पहले परमाणु बम बना ले ताकि इज़राइल को हरा सके और यरुशलम अपने क़ब्ज़े में कर ले। वैसे ईरान का ये परमाणु बम ही मुस्लिम देशों के लिए क़यामत लेकर आएगा।

बाइबिल कहती है कि, अंत के दिनों में इज़राइल के ख़िलाफ़ मुस्लिम राष्ट्र इकट्ठा होंगे और गोग मगोग की जंग में मारे जाएँगे (यहेजकेल 38 और 39)।

ये जंग इतनी भयानक होगी कि इतिहास में पहले कभी ना हुई हो। और पूरी-पूरी संभावना है कि इस जंग में परमाणु बम इस्तेमाल किए जाएँगे। और ये मैं ऐसे ही तुक्के में अंदाज़ा नहीं लगा रहा हूँ, बल्कि आप देख सकते हैं कि दुनिया भर के एलिट लोग अपने लिए प्राइवेट बंकर्स बनवा रहे हैं, करोड़ों रुपये खर्च करके। क्यों?

क्योंकि वो जानते हैं कि ऐसा कुछ होने वाला है। गोग मगोग की जंग कितनी भयानक हो सकती है, इस वीडियो को देखिए आपको पता चल जाएगा।

फ़िलहाल की Situation ये है कि इज़राइल ने अभी यमन के प्रधानमंत्री को मारकर ईरान को ज़ख़्मी कर दिया है।
और इज़राइल मुस्लिम देशों को मजबूर करना चाहता है कि वो Temple Mount के झमेले से दूर हो जाएँ और इज़राइल अपना तीसरा मंदिर वहाँ पर बना ले।

पर क्या ईरान और मुस्लिम देश Temple Mount को ऐसे ही जाने देंगे? या फिर ईरान के परमाणु बम के बनते ही हमला करेंगे? आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में बताइए।

और एक बात जो हमें याद रखनी चाहिए कि हम विश्वासियों के लिए ये घबराने की बातें नहीं हैं, परंतु अपने यीशु मसीह के आगमन के लिए तैयार रहने की हैं। क्योंकि बाइबिल में लिखा है जब तुम ये सब होता देखो तो अपने सिर ऊपर उठाना। मतलब कि प्रार्थनाओं में समय बिताना, सतर्क रहना और यीशु मसीह के आने का इंतज़ार करना। वो बादलों पर आएगा, क्योंकि ये तुम्हारे छुटकारे का समय होगा।

लूका 21:26-28
और भय के कारण और संसार पर आनेवाली घटनाओं की बाट देखते-देखते लोगों के जी में जी न रहेगा, क्योंकि आकाश की शक्तियाँ हिलाई जाएंगी।
तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे।
जब ये बातें होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा॥
आमीन।

May God bless you & your Family

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