“एंटीक्राइस्ट” कहाँ से आया, वह कौन है,
और कैसे उसकी आत्मा आज भी विश्व में काम कर रही है।
📜 1️⃣ उत्पत्ति: निम्रोद और बाबेल
- बाढ़ के बाद नूह के पोते निम्रोद ने शनार (Shinar) की भूमि में बाबेल का टावर बनाया।
- यह टावर परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक था।
- बाबेल = “बेबिलोन” बाद में सत्ता और विद्रोह का केंद्र बन गया।
- यह “मैं ही ईश्वर हूँ” की आत्मा — वही “Antichrist Spirit” — वहीं से शुरू हुई।
🏛️ 2️⃣ साम्राज्यों की भविष्यवाणी (दानिय्येल 7)
दानिय्येल ने चार पशुओं का दर्शन देखा —
- सिंह: बाबेल साम्राज्य
- रीछ (भालू): मीड-पर्शिया साम्राज्य
- चीताः यूनान का एलेक्ज़ेंडर
- भयानक पशुः रोम साम्राज्य
रोमन साम्राज्य ही वह “चौथा पशु” है जिससे एंटीक्राइस्ट निकलेगा।
🌍 3️⃣ सत्ता का स्थानांतरण: बाबेल से यूरोप तक
- रोम ने सत्ता की राजधानी को एशिया (बेबिलोन) से यूरोप में स्थानांतरित किया।
- “बेबिलोन की आत्मा” कभी नहीं मरी — वह यूरोप में चली गई।
- प्रकाशित वाक्य 17–18 में “महान बाबेल” का उल्लेख इसी “आध्यात्मिक बाबेल” से है।
💫 4️⃣ यूरोप और आधुनिक बाबेल
- यूरोपियन यूनियन (EU) का संसद भवन बाबेल के टावर के मॉडल पर बना है।
- उनके प्रतीक, झंडे, और नारे (“Many Tongues, One Voice”) बाइबिल के बाबेल के प्रतीक हैं।
- भवन के सामने “स्त्री जो पशु पर सवार है” की मूर्ति लगी है — ठीक वैसे ही जैसे प्रकाशित वाक्य 17 में वर्णन है।
👁️ 5️⃣ न्यू वर्ल्ड ऑर्डर और बेबिलोन का प्रतीक
- $1 के नोट पर बना पिरामिड और “ऑल सीइंग आई” — इलुमिनाटी का प्रतीक — बाबेल की आत्मा का प्रतीक है।
- इस पर लिखा है “Novus Ordo Seclorum” — यानी “नया युग का शासन” या “New World Order”।
⚔️ 6️⃣ इतिहास में एंटीक्राइस्ट की आत्मा
- हिटलर और अन्य तानाशाह उसी आत्मा के प्रतीक थे — “ईश्वर बनना” चाहने वाले।
- Pergamum (टर्की) में “शैतान का सिंहासन” था (प्रकाशित वाक्य 2:13) — जिसे जर्मनी में लाया गया।
- इसीलिए यूरोप आज “नया बेबिलोन” बन गया है।
🕍 7️⃣ नाइट टेंपलर्स और फ्रीमेसन
- नाइट टेंपलर्स, जो पहले ईसाई योद्धा कहलाते थे, आगे चलकर फ्रीमेसन्स बने।
- ये समूह गुप्त रूप से निम्रोद को “ग्रैंड मास्टर” मानते हैं।
- उनके रीति-रिवाजों में शैतान की पूजा, समलैंगिक अनुष्ठान, और यीशु के प्रति अपमान शामिल था।
- यही “एंटीक्राइस्ट की आत्मा” आज के सीक्रेट सोसाइटीज़ में सक्रिय है।
📖 8️⃣ बाइबल की चेतावनी
“वह परमेश्वर के मंदिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रकट करेगा।”
— (2 थिस्सलुनीकियों 2:4)
एंटीक्राइस्ट खुद को “परमेश्वर” साबित करेगा, लोगों को एक “विश्व सरकार” (One World Government) के अधीन लाना चाहेगा।
🙏 9️⃣ आज की वास्तविकता
- आज भी ईसाइयों पर उत्पीड़न (Persecution) बढ़ रहा है।
- 360 मिलियन से अधिक ईसाई दुनिया भर में अत्याचार झेल रहे हैं।
- मीडिया, शिक्षा, राजनीति — सब जगह मसीह के विरुद्ध एक अदृश्य युद्ध चल रहा है।
🌅 10️⃣ निष्कर्ष
“एंटीक्राइस्ट की आत्मा” का आरंभ बाबेल से हुआ, रोम और यूरोप से गुज़रा, और आज की वैश्विक राजनीति, मीडिया और विचारधारा में जीवित है।
लेकिन अंत में — यीशु मसीह का राज्य ही स्थायी रहेगा।
“बड़ा बाबेल गिर गया!” — प्रकाशित वाक्य 18:2
