थाम ले मुझे फिर से तू
Thaam le mujhe phir se tu (Lyrics)
राहों में चलते चलते…
गिर जाऊँ जब मैं फिसल के
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
राहों में चलते चलते…
गिर जाऊँ जब मैं फिसल के
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
अंधेरे जब मन को घेरे,
अपने ही जब साथ छोड़े,
डर जाऊँ जब मैं थिरक के
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
थक गया है ये जीवन मेरा,
मंज़िल पे साहिल आके ठहरा
मुर्दे में साँसे भरदे तू
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
काँच सा मन टूटे बिखरे,
कोई ना हो जो जोड़े फिर से ,
टूट जाऊँ जब मैं बिखर के
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
राहों में चलते चलते…
गिर जाऊँ जब मैं फिसल के
हाथ तेरा बढ़ा दे प्रभु …
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
थाम ले मुझे फिर से तू
Rahon mein chalte chalte…
Gir jaaun jab main fisal ke
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuRahon mein chalte chalte…
Gir jaaun jab main fisal ke
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuThaam le mujhe phir se tu
Andhere jab mann ko ghere,
Apne hi jab saath chhode,
Dar jaaun jab main thirak ke
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuThaam le mujhe phir se tu
Thak gaya hai ye jeevan mera,
Manzil pe saahil aake thahara
Murde mein saansen bhar de tu
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuThaam le mujhe phir se tu
Kaanch sa mann tute bikhre,
Koi na ho jo jode phir se,
Toot jaaun jab main bikhar ke
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuThaam le mujhe phir se tu
Rahon mein chalte chalte…
Gir jaaun jab main fisal ke
Haath tera badha de prabhu…
Thaam le mujhe phir se tuThaam le mujhe phir se tu
Thaam le mujhe phir se tu
Thaam le mujhe phir se tu
🌿 "थाम ले मुझे फिर से तू" – आत्मा की पुकार, प्रभु से एक प्रार्थना 🌿
कभी ज़िन्दगी की राहों में चलते-चलते अचानक ठोकर लग जाती है। हम थक जाते हैं, बिखर जाते हैं, खो जाते हैं। तभी भीतर से एक पुकार उठती है — "थाम ले मुझे फिर से तू..."।
इस गीत की हर एक पंक्ति मानो आत्मा की सच्ची आवाज़ है — न कोई बनावट, न कोई दिखावा। बस एक सच्चा रिश्ता — इंसान और परमात्मा के बीच। जब हम गिरते हैं, फिसलते हैं, डरते हैं… तब यह गीत हमें याद दिलाता है कि वो अब भी वहीं है… बस हाथ बढ़ाने की देर है।
🎶 भावनाओं की परतें:
🔹 "राहों में चलते चलते, गिर जाऊँ जब मैं फिसल के…"
ये पंक्तियाँ हमारे संघर्षों की कहानी हैं। जीवन के हर मोड़ पर जब हम हारने लगते हैं, तब दिल चुपचाप एक ही बात कहता है – "प्रभु, मुझे थाम लो।"
🔹 "अंधेरे जब मन को घेरे..."
जब हर उम्मीद साथ छोड़ देती है, जब अपनों के चेहरे अजनबी लगने लगते हैं — यही वो समय होता है जब भीतर की शक्ति को पुकारना पड़ता है।
🔹 "काँच सा मन टूटे बिखरे…"
मन की नाज़ुकता, टूटन, और फिर उस टूटे मन को जोड़ने वाला सिर्फ एक ही है — प्रभु का स्पर्श।
🌸 यह गीत क्यों खास है?
यह सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, यह एक अनुभव है।
यह गीत उन अनकहे दर्दों का साथी है, जिन्हें हम अक्सर मुस्कुराहटों के पीछे छिपा देते हैं।
यह हमें सिखाता है कि टूटना, थक जाना, डरना — सब स्वाभाविक है। लेकिन हार मान लेना नहीं।
🕊️ अंत में:
इस गीत को जब भी पढ़ो या सुनो, आँखें बंद करना… और एक बार दिल से कहना —
"थाम ले मुझे फिर से तू…"
क्योंकि कभी-कभी सिर्फ एक एहसास ही काफी होता है… दोबारा जी उठने के लिए।
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