अब इस आदमी ने San Antonio News चैनल को जो इंटरव्यू दिया है और जो बातें उसने उसमें बताई हैं, वे आपके होश उड़ा देंगी। और जो कुछ भी आप तीसरे मंदिर और लाल बछिया के बलिदान के बारे में सोच रहे हैं कि अभी बहुत समय है — तो आप बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में जी रहे हैं।
अपनी एक वीडियो में मैंने आपको कहा था कि अगर यह लाल बछिया वाला मामला सच हुआ, तो समझ लेना कि अंतिम समय की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। और इस पोस्ट को पूरा देखने के बाद आप खुद तय कर लेना कि आपके पास कितना समय बचा है, और क्या सच में दुनिया के अंत की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।
जब मैं इस वीडियो को लेकर रिसर्च कर रहा था, तो मेरे भी होश उड़ गए थे, क्योंकि जो कुछ इस वीडियो में बताया जा रहा है — अगर वह सच है — तो दुनिया के पास अब ज़्यादा समय नहीं बचा है।
मुझे नहीं पता यह पोस्ट आप तक कितनी जल्दी पहुँचेगी या नहीं — पर जब भी आप इसे देख रहे हों, उसी दिन से अपने आपको जाँचना और बदलना शुरू कर देना। क्योंकि जो भी बाइबिल में अंतिम दिनों के बारे में भविष्यवाणी की गई है, वह अब से शुरू हो रही है।
तीसरे मंदिर के लिए लाल बछिया सच में बलिदान की जा चुकी है — और यहीं से शुरू हो रहा है अंतिम समय। अब और कोई बहाना नहीं।
इस वीडियो में Byron Stinson कह रहा है कि 1 जुलाई को हुई लाल बछिया के बलिदान की रस्म में 2,000 साल बाद पहली बार शुद्ध “लाल बछिया” की राख तैयार की गई है।
और जो-जो अफवाहें इस बारे में फैलाई गई थीं — कि वह बछिया अशुद्ध थी, या कुत्ते ने उस बछिया को काट लिया था, या वीडियो AI जनरेटेड थी — सब झूठ था।
वह सचमुच पूरी तरह शुद्ध बछिया थी, और समारोह भी पूरी रीति-रिवाज से हुआ था। कोई प्रैक्टिस नहीं थी।
जो लोग इसमें शामिल थे, उनका कहना है कि यह पूरी तरह सही ढंग से और शुद्धिकरण के नियमों के अनुसार किया गया था।
जानकारी सामने आई है कि “Temple Institute” ने इस समारोह की वास्तविकता को छिपाने के लिए झूठे दावे किए थे।
इससे Temple Institute से जुड़े कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करना पड़ा कि उन्हें इस घटना के बारे में झूठी जानकारी दी गई थी।
जो लोग समारोह में उपस्थित थे, उनका दावा है कि यह एक वास्तविक समारोह था, और जो राख एकत्र की गई — वह एक अरब (1 Billion) लोगों को शुद्ध करने के लिए काफ़ी है।
यह भी कहा जा रहा है कि इस राख का हाल ही में लोगों को चंगाई देने में उपयोग किया गया।
Byron Stinson, जिसने लाल बछियों को इज़राइल लाने में मदद की थी, कह रहा है कि यह एक असली समारोह था।
और वह अब Papua New Guinea जाने वाला है ताकि तीसरे मंदिर के निर्माण के लिए आवश्यक सोना प्राप्त किया जा सके।
18 सितंबर को Byron Stinson ने San Antonio के एक न्यूज़ चैनल पर इस समारोह के बारे में बात की, और उसने कहा कि यह एक वास्तविक समारोह था — Real Red Heifer Sacrifice Ceremony।
एडम किंग को Tim P के पॉडकास्ट पर दिखाया गया।
एडम किंग एक यहूदी धार्मिक कार्यकर्ता और सोशल मीडिया कमेंटेटर हैं।
वह राख की एक थैली पकड़े हुए था और दावा कर रहा था कि यह लाल बछिया के समारोह की राख है।
उसने यह भी कहा कि यह एक रियल सेरेमनी थी, कोई प्रैक्टिस नहीं।
अब यह पता चला है कि Byron Stinson के पास भी वैसी ही एक थैली है जिसमें वही राख है, और वह कहता है कि जो बलिदान समारोह हुआ, वह असली था।
इन वीडियो में उन्होंने बताया कि 2,000 साल बाद पहली बार इज़राइल में Red Heifer (लाल बछिया) का शुद्धिकरण वाला समारोह हुआ।
यह कोई बलिदान (sacrifice) नहीं था, बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान (religious ritual) था जिससे शुद्ध करने वाली Holy Ash (पवित्र राख) मिली।
और एक विशेष प्रशिक्षित Cohen Priest (याजक) ने शीलो के पास यह अनुष्ठान किया।
अब वही राख कुछ लोगों के पास है — जो 2,000 साल बाद पहली बार धरती पर फिर से दिखाई दी है।
Byron Stinson ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि अब वह उस सोने को हासिल करने की प्रक्रिया में शामिल है, जो आने वाले Third Temple की तैयारियों के लिए ज़रूरी माना जा रहा है।
उसका कहना है कि वह जल्दी ही Papua New Guinea जाएगा, जहाँ कुछ सोने के खनिक (gold miners) मंदिर के काम के लिए सोना जमा कर रहे हैं, और वह उनसे मिलने जा रहा है।
लेकिन उससे पहले एक बड़ी बात पता चली —
Temple Institute, जो तीसरा मंदिर बनाने और लाल बछिया की रस्म तैयार करने वाली संस्था है, वह पत्रकारों को जानबूझकर गलत बातें बता रही थी ताकि लोगों को लगे कि 1 जुलाई का जो कार्यक्रम हुआ था, वह असली नहीं था या उसका कोई ख़ास मतलब नहीं था।
एक पत्रकार Adam Eliyahu Berkowitz, जो Temple Institute के साथ काम करता है और Israel 365 News के लिए लिखता है, उसने अपने YouTube चैनल पर बताया कि Temple Institute ने उसे जानबूझकर गलत जानकारी दी थी ताकि असली बात छुपी रहे।
इस वीडियो में यह यहूदी पत्रकार बता रहा है कि उसे बताया गया था कि उस बछिया को एक जगह मारा गया और दूसरी जगह जलाया गया, पर Eyewitnesses ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
वास्तविक अनुष्ठान (Sacrifice Ceremony) वास्तव में Mount of Olives पर नहीं, बल्कि Samaria में हुआ — जबकि तल्मूड कहता है कि यह केवल Mount of Olives पर होना चाहिए।
समारोह में मौजूद युवा कोहेन (याजक) ने कहा कि यह कोई अभ्यास नहीं था, और Samaria में भी समारोह करना उचित है — बल्कि यह वास्तविक अनुष्ठान था, जिससे शुद्धि के लिए असली राख तैयार की गई।
पर बाद में वही राख गैर-याजकों (non-priests) ने इकट्ठी की और लोगों को चंगाई देने में इस्तेमाल की — जो यहूदी नियमों के अनुसार गंभीर पाप है। यहाँ तक कि इसे मूर्तिपूजा जैसा अपराध भी माना जा सकता है।
उधर Byron ने अपने Facebook पेज पर Adam को जवाब दिया।
उसने बताया कि Boni Israel ने Temple Institute को इतनी राख दी है जिससे एक अरब यहूदियों को शुद्ध किया जा सकता है।
उसने कहा, “मैं उम्मीद करता हूँ कि वे इस राख का सही उपयोग करेंगे।”
फिर उसने कहा, “जहाँ तक मेरे जैसे गैर-यहूदी द्वारा घर में इसका इस्तेमाल करने की बात है — हमने बस हशेम (परमेश्वर) के और करीब आने की इच्छा से ऐसा किया। यह किसी को चंगाई देने के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक रूप से शुद्ध होने के लिए था।”
पत्रकारों ने कहा कि यह सुनकर वे हैरान रह गए, लेकिन चूँकि यह सचमुच हुआ, इसलिए इसे रिपोर्ट करना ज़रूरी था।
Byron ने San Antonio के इंटरव्यू में यह भी बताया था कि शायद जल्द ही एक और सेरेमनी Mount of Olives (जैतून के पहाड़) पर होगी — उन लोगों के लिए जो मानते हैं कि वह असली और सही जगह है।
जो भी जानकारी अब तक सामने आई है — खासकर जो Temple Institute ने कही — उससे ऐसा लगता है (हालाँकि यह आधिकारिक नहीं है) कि अभी भी तीन लाल बछियाँ उनके पास और हैं, जो किसी दूसरी सेरेमनी के लिए पूरी तरह योग्य हैं।
Byron ने अपने Facebook पोस्ट में यह भी कहा —
“Boni Israel अपनी बछियों की देखभाल खुद कर रहा है, और हम अब भी उन सभी समूहों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं जो तीसरे मंदिर के निर्माण से जुड़े हैं। हमें सब कुछ कंट्रोल करने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि हशेम (परमेश्वर) ही सब कुछ संभाल रहे हैं, और बातें शायद हमारी सोच से अलग तरीके से हो रही हैं।”
और उस इंटरव्यू में सबसे दिलचस्प बात यह थी कि Byron ने बताया —
वह जल्द ही Papua New Guinea जा रहा है, जहाँ से वह सोना लाएगा जो तीसरे मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होगा।
अंत समय की भविष्यवाणियाँ पूरी होने से पहले एक बात ज़रूरी है —
गैर-यहूदियों का समय (Gentile Age) का खत्म होना और अंतिम दिनों (Last Days) की शुरुआत होना।
“Gentile Age” का मतलब है — वह समय जब गैर-यहूदी राष्ट्रों को परमेश्वर ने सत्ता और प्रभाव दिया है, और यरूशलेम (Jerusalem) यहूदियों के पूर्ण नियंत्रण में नहीं रहा।
यीशु ने इस बारे में कहा था —
“यरूशलेम गैर-यहूदियों के पैरों तले रौंदा जाएगा, जब तक गैर-यहूदियों का समय पूरा न हो जाए।” — लूका 21:24
इसका मतलब है — जब तक “गैर-यहूदियों का समय” खत्म नहीं होता, तब तक इज़राइल और यरूशलेम पर पूरी तरह यहूदी शासन नहीं लौटेगा।
इसके लिए दो बातें होनी चाहिए —
लाल बछिया की सेरेमनी (Red Heifer Ceremony)
तीसरे मंदिर (Third Temple) का निर्माण
अब थोड़ा ध्यान से समझिए — इस लाल बछिया की सेरेमनी से जो राख इन्होंने इकट्ठी की है, उससे ये सारी दुनिया के इज़राएलियों को भेज रहे हैं ताकि वे अपने आप को शुद्ध करके इज़राइल देश में पहुँच जाएँ।
जहाँ कहीं भी वे हों, खुद को शुद्ध करें और अपने घर इज़राइल लौटें।
उसके बाद जैतून के पहाड़ (Mount of Olives) पर यह रस्म फिर से होगी।
संभव है कि तीसरे मंदिर का निर्माण कई सालों या दशकों तक चलता रहे, फिर जाकर “उजाड़नेवाली घृणास्पद वस्तु” और “महान क्लेश” (Great Tribulation) जैसी बातें घटें।
सबसे ज़रूरी यह है कि ये सब घटनाएँ बाइबल की भविष्यवाणियों को पूरा करने के लिए होनी ही हैं।
पर उससे भी महत्वपूर्ण यह है कि परमेश्वर ने पहले ही यीशु मसीह के माध्यम से इसका समाधान दे दिया है।
जब ये घटनाएँ घटेंगी, तो वे पूरी दुनिया के लिए एक गवाही होंगी —
पर ख़ास तौर पर यहूदी लोगों के लिए।
क्योंकि तब उनके बीच से चुना हुआ अवशेष (Remnant) समझेगा कि जिसे उन्होंने क्रूस पर चढ़ाया था, वही सच्चा मसीहा — यीशु मसीह है।
यीशु ही वह हैं जिन्होंने व्यवस्था (Law) और भविष्यद्वक्ताओं (Prophets) की बातें पूरी कीं।
यीशु ही सच्चे और परिपूर्ण मंदिर (True Temple) हैं — जहाँ अब हम परमेश्वर से मिल सकते हैं और संगति रख सकते हैं।
जब यहूदियों ने यीशु से पूछा —
“तू कौन-सा चिन्ह दिखाएगा कि तुझे यह करने का अधिकार है?”
तो यीशु ने कहा —
“इस मंदिर को गिरा दो, और मैं तीन दिनों में इसे फिर से खड़ा कर दूँगा।”
यह सुनकर यहूदी बोले —
“इस मंदिर को बनाने में 46 साल लगे! क्या तू इसे तीन दिनों में खड़ा करेगा?”
पर वे नहीं समझे कि यीशु अपने शरीर को मंदिर कह रहे थे।
और जब वे मृतकों में से जी उठे, तो उनके चेलों को याद आया कि उन्होंने यह कहा था,
और तब उन्होंने पवित्रशास्त्र और यीशु के वचनों पर विश्वास किया।
अब आपकी बारी है — आप इन बातों पर कितना विश्वास कर पा रहे हैं, और कितना अपने आप को जाँच रहे हैं, और प्रभु यीशु के लिए तैयार हो रहे हैं।
आप तय कर लीजिए कि आपके पास कितना समय है, क्योंकि दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने आने वाला है।
अभी भी — जी हाँ — अगर आप यह पोस्ट देख रहे हैं, तो यीशु आपको मौका दे रहे हैं।
मन फिराओ, अपने पापों को स्वीकार करो और नहा-धोकर तैयार हो जाओ, प्रभु के साथ समय बिताओ।
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क्या पता, आपके एक शेयर से किसी की आँखें खुल जाएँ और वह मन फिरा ले।
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तो चलिए, मिलते हैं अगली पोस्ट में।
तब तक के लिए — Thank you…
