अनादिकाल से शरणस्थान
Anaadikaal se sharanasthaan Lyrics
Lyrics In Hindi
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अनादिकाल से शरणस्थान
हमारा तू रहा
और अनंत काल लों हे पिता
तू वैसा रहेगा
तेरी छाया में तेरे भक्त
सदा निडर रहे
सो हम भी तेरी शरण में
बेखटके रहेंगे
पहाड़ जब तक ना बने थे
ना पृथ्वी सृजी थी
तब ही से तू परमेश्वर है
और नित रहेगा भी
जो रात का पिछला पहर अब
वेग बीतता जाता है
त्यों तेरे लेखे चतुर्युग
क्षण में निकलता है
ज्यों धारा बहा करती है
काल कटते जाते हैं
त्यों पीढ़ी पीढ़ी के सब लोग
सपने से होते हैं
हे ईश्वर इस दुख सागर में
हमारा पालक हो
हमारा अब सहायक रह
और आसरा सदा लों
Lyrics In English
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Anaadikaal se sharanasthaan
hamaara too raha
aur anant kaal lon he pita
too vaisa rahega
Teree chhaaya mein tere bhakt
sada nidar rahe
so ham bhee teree sharan mein
bekhatake rahenge
Pahaad jab tak na bane the
na prthvee srjee thee
tab hee se too parameshvar hai
aur nit rahega bhee
Jo raat ka pichhala pahar ab
veg beetata jaata hai
tyon tere lekhe chaturyug
kshan mein nikalata hai
Jyon dhaara baha karatee hai
kaal katate jaate hain
tyon peedhee peedhee ke sab log
sapane se hote hain
He eeshvar is dukh saagar mein
hamaara paalak ho
hamaara ab sahaayak rah
aur aasara sada lon
🌟 अनादिकाल से शरणस्थान | परमेश्वर हमारी शाश्वत शरण
✨ परिचय
"अनादिकाल से शरणस्थान" एक गहरा आत्मिक भजन है जो परमेश्वर की शाश्वतता, उसकी अनंत सत्ता और उसकी भरोसेमंद शरण के बारे में बताता है। इस भजन में समय के अस्थिर स्वभाव और परमेश्वर की स्थिरता को बहुत ही सुंदर रूप में व्यक्त किया गया है।
यह गीत प्रेरणा लेता है बाइबल के भजन संहिता 90 से, जहाँ मूसा परमेश्वर को "अनादिकाल से शरण" और "सदैव रहने वाला" कहते हैं। यह भजन हमें स्मरण दिलाता है कि जीवन क्षणभंगुर है, लेकिन परमेश्वर अनंत है।
🎵 गीत के बोल | Lyrics in Hindi
अनादिकाल से शरणस्थान
हमारा तू रहा
और अनंत काल लों हे पिता
तू वैसा रहेगा
तेरी छाया में तेरे भक्त
सदा निडर रहे
सो हम भी तेरी शरण में
बेखटके रहेंगे
पहाड़ जब तक ना बने थे
ना पृथ्वी सृजी थी
तब ही से तू परमेश्वर है
और नित रहेगा भी
जो रात का पिछला पहर अब
वेग बीतता जाता है
त्यों तेरे लेखे चतुर्युग
क्षण में निकलता है
ज्यों धारा बहा करती है
काल कटते जाते हैं
त्यों पीढ़ी पीढ़ी के सब लोग
सपने से होते हैं
हे ईश्वर इस दुख सागर में
हमारा पालक हो
हमारा अब सहायक रह
और आसरा सदा लों
🌿 भजन की आत्मिक व्याख्या
1. परमेश्वर: हमारी अनादि और अनंत शरण
👉 "अनादिकाल से शरणस्थान हमारा तू रहा"
परमेश्वर की उपस्थिति समय की सीमाओं से परे है। वह आदि में भी था, आज भी है, और अनंत काल तक रहेगा। उसकी शरण कभी खत्म नहीं होती।
2. निडरता परमेश्वर में है
👉 "तेरी छाया में तेरे भक्त सदा निडर रहे"
जब हम परमेश्वर की शरण में होते हैं, तो हमें किसी भी जीवन के भय, चिंता या संकट से डरने की आवश्यकता नहीं होती। उसकी उपस्थिति में हम सुरक्षित हैं।
3. सृष्टि से पहले परमेश्वर था
👉 "पहाड़ जब तक ना बने थे, ना पृथ्वी सृजी थी"
परमेश्वर सृष्टि के पहले भी था। यह उसकी शाश्वतता का प्रमाण है। वह सृजनकर्ता भी है और अनंत काल का राजा भी।
4. समय परमेश्वर के सामने क्षणिक है
👉 "तेरे लेखे चतुर्युग क्षण में निकलता है"
हमारे लिए हजारों साल लंबे होते हैं, पर परमेश्वर के लिए समय मानो पलक झपकने जैसा है। यह दिखाता है कि परमेश्वर समय से बंधा नहीं है।
5. जीवन की अस्थिरता
👉 "ज्यों धारा बहा करती है, काल कटते जाते हैं"
हमारा जीवन जल की धारा की तरह बहता है। पीढ़ियाँ आती-जाती हैं, लेकिन हम सभी समय में एक क्षण के समान हैं। यह हमें विनम्र बनाता है।
6. परमेश्वर: हमारा सहायक और पालक
👉 "हे ईश्वर इस दुख सागर में हमारा पालक हो"
जीवन दुखों से भरा समुद्र है, लेकिन प्रभु हमारा सहारा, हमारा सहायक, और हमारा भरोसेमंद रक्षक है।
💡 भजन का मुख्य संदेश
परमेश्वर शाश्वत है, हम क्षणिक हैं।
उसके पास आने वाले कभी निडर नहीं रहते।
सृष्टि से पहले और अनंत काल तक वही रहेगा।
जीवन अस्थिर है, समय तेज़ी से बह जाता है।
प्रभु ही दुखों में हमारा सच्चा सहारा है।
🙏 निष्कर्ष
"अनादिकाल से शरणस्थान" एक ऐसा भजन है जो हमें जीवन की सच्चाई सिखाता है:
हम अस्थायी हैं, लेकिन परमेश्वर शाश्वत है।
हम कमज़ोर हैं, लेकिन परमेश्वर शक्तिशाली है।
हम डरे हुए हैं, लेकिन परमेश्वर हमारी निडरता का स्रोत है।
इस गीत के माध्यम से हम भी यह प्रार्थना कर सकते हैं:
"हे प्रभु, तू ही मेरी शरण है, तू ही मेरा सहारा है। मुझे अपने साये में सदा रख।"
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